हरिगुरु भजन
संकलन: लालीगुरांश (सिर्जना भण्डारी)
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
ॐकारं बिन्दुसंयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिन :।
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नम : ।।
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
गुरुर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: ।
गुरु: साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः।।
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
अखण्ड मण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ।।
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
ब्रह्मानन्दं परम सुखदं, केवलं ज्ञानमूर्तीं ।
द्वंद्वातीतं गगनसदृशं, तत्वमस्यादिलक्ष्यम् ।।
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
एकं नित्यं विमलमचलं, सर्वधिसाक्षीभूतम्,
भावातीतं
त्रिगुणरहितं, सद्गुरुं तं नमामि ।।
उत्तमो ब्रह्मसद्भावो ध्यानभावस्तु मध्यमः ।
स्तुतिर्जपो˜धमोभावो बहिर्पूजा˜धमाधमा
।।
हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...हरि ॐ...
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।।
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